पूरा नाम – सानिया मिर्ज़ा
जन्म – 15 नवम्बर 1986
जन्मस्थान – मुंबई
माता – नसीमा मिर्ज़ा
पिता – इमरान मिर्ज़ा
विवाह – शोएब मलिक के साथ.
~~~सानिया मिर्ज़ा की खेल शैली~~~
सानिया मिर्ज़ा / Sania Mirza एक आक्रमक ग्राउंडस्ट्रोक खिलाडी है जो अपने आक्रमण अंदाज़ के लिये जानी जाती है. सानिया की सबसे बड़ी ताकत उसका मस्तिष्क और साथ ही टप्पा पड़ते ही प्रहार करने की योग्यता है. सानिया के खेल शैली की तुलना महान रोमानियाई Llie Nastase से की जाती है. वह खेल में वापसी करने वाली कुशल खिलाडी है, अपने बहोत से मैच सानिया ने खेल में दोबारा वापसी करते हुए जीते है. उसने जब इस बारे में पूछा गया था तब मिर्ज़ा ने कहा था की, “मेरे मस्तिष्क और उलटे हात के प्रहार को कोई नही रोक सकता, और यही एक जगह है जहा से मै आसानी से जीत सकती हु. मुझे बस आक्रमकता से प्रहार करने की जरुरत है.” “मुझे अपने पैरो से नही बल्कि अपने हातो से तेज़ होने की जरुरत है.” अपनी कमजोरियों के बारे में बताते हुए सानिया ने कहा था की कोर्ट के पास वाली जगह ही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है, उस जगह पर सानिया बहोत बार संघर्ष करते हुए नज़र आई है. सानिया ने अपनी दूसरी कमजोरी को बताते हुए कहा था की, वह आसानी से तेज़ी से एक जगह से दुसरे जगह नही जा सकती. और इसी वजह से 2012 में कलाई में चोट लगने की वजह से उनका एकल करियर समाप्त हो गया था.
~~~सानिया मिर्ज़ा का व्यक्तिगत जीवन~~~
12 अप्रैल 2010 को सानिया ने पारंपरिक मुस्लिम रीती-रिवाजो से हैदराबाद के ताज कृष्णा होटल में पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से विवाह कर लिया. जिसमे उन्हें पाकिस्तानी वैवाहिक रिवाजो के अनुसार शोएब के परिवार को 6.1 मिलियन रुपये देने पड़े. बाद में उनकी वलीमा सेरेमनी पाकिस्तान के लाहौर में हुई थी.
गूगल के अनुसार, जिस समय उनका विवाह हुआ था उस समय सानिया सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली महिला टेनिस खिलाडी बनी थी और साथ ही 2010 को बेस्ट भारतीय महिला खिलाडी भी नही.
~~~टेनिस कैरियर~~~
लगातार मेहनत और टैलंट के बल पर सानिया जूनियर लेवल की पक्की खिलाड़ी बन गई थी, जिसके बल पर वह 10 सिंगलस और 13 डबल्ज टाइटल्स जीतने में कामयाब रही।
15 साल की उम्र में अप्रैल 2001 में ITF Circuit से डेब्यु की। वहाँ वह पहली बार में ही क्वार्टर फाइनल और न्यू दिल्ली में सेमीफाइनल तक पहुँचने में सफल रही।
जल्द ही 2002 के Asian Games में लिएंडर पेस के साथ मिक्स डबल खेलने का मौका मिला, जहां उनकी जोड़ी ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा किया और हैदराबाद में आयोजित 2002 Afro-Asian Games में 4 गोल्ड मेडल जीत कर दुनियाँ को अपनी मजबूत इरादों से रूबरू करा दी।
जिसका पुख्ता सबूत उन्होंने 2003 के Wimbledon Championships Girls’ Doubles जीतकर और US Open Girls’ Double के सेमीफाइनल में पहूंच कर दी।
2004 में उन्हें AP Tourism Hyderabad Open में Wildcard एंट्री मिली। जहां Nicole Pratt के हाथों सिंगल मैच में हार गई, पर अपनी पहली WTA Doubles Title जीतने में कामयाब रही।
2005 सानिया के लिए बेहतरीन था, एक तरफ उन्हें Australian Open के तीसरे राउंड में World Champion Serena Williams के विरुद्ध खेलने का मौका मिला तो AP Tourism Hyderabad Open में WTA Single Title जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
2006 उनके सिंगल कैरियर के लिए किसी बुरे सपने से कम ना था, जहां उन्हें एक भी जीत नसीब नहीं हुई। केवल डबल और मिक्स डबल मैचों में ही कमाल कर सकी।
इस तरह उस साल डबल कैटेगरी में Bangalore Open और Sunfeast Open ही जीत सकी।
इस साल की तरह 2007 भी रहा, जहां चार डबल्स टाइटल्स जीतकर डबल मैचों में अपने तारे चमकाने में कामयाब रही।
~~~उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ियों से टक्कर~~~
2008 उनके जीत से नहीं, बल्कि बड़ी खिलाड़ियों के टक्कर से भरा-पड़ा रहा। इस साल 31वीं रैंक के साथ Australian Open में No- 8 की Venus Williams से हार हुई, तो Indian Wells में World No-9 Shahar Peer को हराकर शानदार पलटवार की। पर अगले ही मैच में World No-5 Daniela Hantuchova के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा।
इस हार की काली साया का असर 2008 के बीजिंग ओलिम्पिक पर भी पड़ा, जहां उन्हें सिंगलस में कोहनी के चोट के कारण और डबल्स में हार के कारण बाहर होना पड़ा।
अंतत: हार की यह ट्रेन MPS Group Championships में जा रुकी, जहां लंबे अरसे बाद डबल्ज जीती। साथ ही 2009 में Fifth Third Bank Tennis Championships भी जीती।
कहते है,
लंबे संघर्ष के बाद किसी भी खिलाड़ी की राहे आसान हो जाती है।
पर यह बात Sania Mirza के खेल पर लागू नहीं होती। बड़े-बड़े उपलब्धियाँ हासिल होने के बाद भी 2010 में सिंगलस मैचों में हार और कोहनी के इंजरी से जूझना पड़ा।
इस साल उन्हें कॉमनवेल्थ और एशियन गेम के डबल मैचों में ब्रोंज मेडल से संतुष्ट करना पड़ा।
~~~टेनिस डबल्स का विशेषज्ञ बनी~~~
2011 मिश्रित परिणामों वाला साल रहा। इस साल रूसी खिलाड़ी एलिना वेसनिना के साथ पार्टनर्शिप कर Indian Wells, Family Circle Cup, WTA Tour Doubles, Mutua Madrid Open जीतने में सफल रही।
पर वो हमेशा की तरह से सिंगल्स मैचों में अपने हार पर काबू ना पा सकी और 2012 में फ्रेंच ओपन के मिक्स डबल्ज में महेश भूपति के साथ फ़ाइनल जीतकर अपने कदम Doubles Specialization की ओर बढ़ाने लगी।
सिंगल्स में मिल रही लगातार हार और डबल्स में मिल रही लगातार जीत से उन्होंने निश्चय कि अब डबल्स पर ही ध्यान देगी। जिसका सुखद जल्दी ही 2013 में मिला, जब वो विभिन्न खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाते हुए 5 WTA Titles जीतने में कामयाब रही।
2014 में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए Asian Games के Doubles में ब्रोंज और Mixed Doubles में Gold जीती। साथ ही कारा ब्लैक के साथ जोड़ी बनाते हुए WTA की टाइटल्स जीती, जो साल की सबसे बड़ी जीत थी।
इसी साल International Premier Tennis League का शुभारंभ हुआ, जिसमें रोजर फेडरर, रोहण बोपन्ना, एना इवानोविच जैसे दुनियाँ के बेहतरीन टेनिस लिजेंड्स ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में रोहण बोपन्ना के साथ खेलते हुए मिक्स्ड डबल्स टाइटल को अपने नाम कर अपनी वर्चस्व को कायम रखी।
~~~टेनिस प्रशिक्षण~~~
शुरुआत में क्लब क्रिकेटर रहे सानिया के पिता ही कोच की भूमिका निभाने लगे। बाद में सानिया Roger Anderson से ट्रेनिंग लेने लगी।
Sania Mirza की राह आसान ना थी। वो एक छोटे से शहर से थी और टेनिस खेल भारत में पोपुलर खेल नहीं था।
जिसके कारण हैदराबाद में प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम नहीं मिलता था। लोग तरह-तरह के ताने मारते थे, कोई कहता, “क्या आपकी बेटी मार्टिना हिंगीज बनेगी ?” तो कोई कहता है, “यह आउट फील्ड में खेलकर काली हो जाएगी, तब इससे कौन शादी करेगा ?”
सानिया बचपन से ही बेबाक थी। वह अपने फैमिली के सपोर्ट के कारण इस तरह के तानों और अल्फ़ाजों का जोरदार जवाब देती थी।
कोर्ट पर जितनी सानिया पसीना बहाती, उससे कहीं ज्यादा उनके पैरेंट्स अपनी बेटियों को पूरी सुविधा जुटाने में पसीना बहाते थे। जिसके बारे में खुद सानिया कहती है,
मेरे पैरेंट्स डिफ़ेरेंट सोच के है। इसलिए उन्होंने कभी बेटा नहीं चाहा। जब मैं कहीं प्रैक्टिस करती तो वह दिन-दिन भर ग्राउंड में बैठ मेरा इंतजार करते थे। जब कभी मेरा टूर्नामेंट किसी दूसरे सिटी या राज्य में होता तो मैं पिता या माँ के साथ कार से ट्रेवल करती थी, क्योंकि दोनों में से एक को छोटी बहन की ख्याल रखने के लिए घर पर ही रहना पड़ता था।
~~~पहला ग्रैंड स्लैम जीत~~~
World No- 1 होने के कारण वह नए जोश और उम्मीदों से लवरेज थी, जो अपनी सफलतायों के आसमां में एक बड़ी स्टार लाने की जदोजहद में थी। जिसमें उन्हें जल्द ही बड़ी सफलता मिली।
जब अपनी पार्टनर मार्टिना हिंगीज के साथ पहली Grand Slam जीतने में कामयाब रही।
World No-1 और पहली Grand Slam की जीत की पार्टी अभी खत्म भी नहीं हुई थी, सानिया ने हिंगीज के साथ मिलकर 2016 की WTA Tour जीतकर देशवाशियों को एक ओर सेलिब्रेशन का मौका दे दी।
इसी तरह वो अपने पार्टनर के साथ St. Petersburg Ladies’ Trophy, Cincinnati Masters और Conneticut Open को जीतकर ही दम ली।
~~~जब विश्व नंबर 1 बनी~~~
2015 की शुरुआत वर्ल्ड नं. 6 से की थी। पर स्विस लिजेंड मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाते हुए ना केवल Indian Wells, मियामी मास्टर्स, Family Circle Cup जीती, बल्कि अपने से हाई रैंकिंग वाली खिलाड़ियों को हराकर अपनी रैंकिंग को 6 से 5 और 5 से 3 और अप्रैल 2015 में World No -1 बन गई। इसी के साथ ऐसा करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई।
~~~अन्य काम~~~
Sania Mirza टेनिस खेलने के साथ दूसरों को टेनिस सीखाने में भी रुचि रखती है। वो अपने शहर हैदराबाद में टेनिस अकैडमी खोल चुकी है। जिसमें वह इच्छुक बच्चों को टेनिस के गुर सिखाती है। उनके इस अकैडमी का कई बार दौरा कभी उनकी पार्टनर रही कारा ब्लैक और मार्टिना नवरातिलोवा भी कर चुकी है।
इसके अलावा वो सानिया कई संगठन जैसे UN Women और तेलंगाना की ब्रांड अम्बेसेडर रह चुकी है।
बचपन में जो लोग उन्हें खेल के कारण ब्लैक स्किन होने के बताते थे, आज सानिया अपनी खूबसूरती के कारण ही विभिन्न Occasions पार रैम्प वॉक भी करती है। जो उन लोगों के लिए जोरदार तमाचा है।
~~~सानिया मिर्ज़ा के पुरस्कार~~~
2004 में भारत सरकार द्वारा सानिया को अर्जुन पुरस्कार दिया गया. 2006 में, मिर्ज़ा को पद्म भुषण से सम्मानित किया गया, जो एक टेनिस खिलाडी के रूप में उनका चौथा सर्वोच्च पुरस्कार है.
1) अर्जुन पुरस्कार (2004)
2)WTA New Comer Of The Year (2005)
3) पद्म श्री (2006)
4) राजीव गाँधी खेल रत्न (2015)
2014 में, तेलंगाना सरकार ने सानिया मिर्ज़ा को अपने राज्य के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में नियुक्त किया था.
निश्चित ही आज सानिया मिर्ज़ा दूसरी लडकियों के लिये प्रेरणा का विषय बनी हुई है.देश को उनकी सफलता पर हमेशा गर्व होगा.
~~~कुछ सवाल जबाव~~~
1.आपकी पसंदीदा एक्टर
अक्षय कुमार, सलमान खान और अर्जुन रामपाल
2.आपकी पसंदीदा एक्ट्रेस
करीना और काजोल
3.आपकी पसंदीदा फिल्म
फूल और कांटे, मोहरा, मैंने प्यार किया, कभी खुशी कभी गम, कयामत से कयामत तक और कुछ कुछ होता है।
4.आपकी पसंदीदा डेस्टिनेशन
लंदन, पेरिस और थाईलेंड
5.आपकी पसंदीदा भोजन
हैदराबादी बिरयानी
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